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कांट्रेक्ट पर कश्मीर के कॉलेज, कैसे पढ़ते हैं कश्मीर के युवा | Kashmir’s colleges are on contract, how do Kashmir’s youth study

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कांट्रेक्ट पर कश्मीर के कॉलेज, कैसे पढ़ते हैं कश्मीर के युवा | Kashmir’s colleges are on contract, how do Kashmir’s youth study

कश्मीर में भाषण देना हो तो कुछ भी करने की जरूरत नहीं पूरे भाषण में 370 370 की रट लगाकर चललिए हैडलाइन छप गई कई बार लगता है! कि 370 का रट किसके लिए जपी जा रहा है! इसकी भी हालत राम मंदिर के निर्माण वाले मुद्दे जैसी हो गई है! लोग अपनी समस्याओं पर सुनना चाहते हैं1! और सरकार 370 और राम मंदिर पर बोलकर निकल जाती है ! अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर को आईटी हब बनाएंगे ! साथ में यह भी बता देते की 10 साल में कितने शहर में भारत में नया-नया हब बना है! और वह व्यवस्थित रूप से हब की तरह काम कर रहा है ! बेढब की तरह नहीं , यह केवल इमारतें नहीं है, जम्मू कश्मीर के कॉलेज


यह तस्वीर पहाड़ और झील के फोटो से काफी अलग है! लेकिन इसके भीतर का हाल बता रहा है, की इमारतें ही हैं! साफ आसमान के कारण इनकी खूबसूरती भले निखरती लग रही है लेकिन क्या आप जान पाते हैं! कि जम्मू कश्मीर राज्य का युवा हर दिन जिस कॉलेज में जाता है! ताकि पढ़ाई कर सके, और कुछ जान सके आगे के लिए तैयारी कर सके, उन कॉलेजों में शिक्षक नहीं है! हम कश्मीर के पहाड़ों पर आहें भर कर चले आते हैं! लेकिन यह देखना भूल जाते हैं की, इमारत के भीतर क्या चल रहा है! लोगों के जीवन में क्या हो रहा है! 370 के अलावा इन कॉलेज के भीतर पढ़ाई की कैसी हालत है! इस पर भी तो बात की जा सकती है, राज्य में करीब 140 कॉलेज है! सारे कॉलेज कॉन्ट्रैक्ट टीचर के भरोसे चल रहे हैं ! कॉन्ट्रैक्ट टीचर की संख्या ढाई हजार से लेकर 3000 बताई जा रही है! क्या जम्मू कश्मीर के कॉलेज इन्हीं के भरोसे चल रहे हैं 10 साल से भी ज्यादा समय से लोग कॉन्ट्रैक्ट पर पढ़ते हुए मिल जाएंगे, इन्हें अब तक परमानेंट क्यों नहीं किया गया ! यहां पढ़ने वाले टीचर कब तक कॉन्ट्रैक्ट पर पढ़ते रहेंगे इस समय पर क्लास शुरू हो चुकी है! कॉन्ट्रैक्ट टीचर की तैनाती नहीं हुई है , वह अपनी तैनाती को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, कह रहे हैं, कि अगर टीचर ही क्लास में नहीं है तो फिर वहां पढ़ा कौन रहा है! बात केवल इतनी नहीं है, जम्मू कश्मीर में कॉन्ट्रैक्ट पर पढ़ने वाले शिक्षकों का वेतन 28000 तक है ! क्या यूजीसी को यह नहीं पता कि इन्हे 28000 रुपए की सैलरी दी जा रही है! महीने की क्या यूजीसी इतना भी पता नहीं कर सकती है! कॉन्ट्रैक्ट टीचर का कहना है, कि लद्दाख में कॉन्ट्रैक्ट टीचर को 57000 से अधिक मिल रहा है! वेतन के रूप में, यूजीसी के हिसाब से लेकिन जम्मू कश्मीर के कॉन्ट्रैक्ट टीचर को 28000 रुपए प्रति माह की सैलरी दी जा रही है. वह भी 12 महीने की नहीं दी जाती आठ या नो महीने की दी जाती है! डॉक्टर रजनी देवी पीएचडी है! 12 साल से पढ़ रही है! और इन्हीं 12 सालों में हमें पहले कहा जाता था एकेडमी अरेंजमेंट और टाइटल दिया जा रहा नित बेस्ड एकेडमी 2021 में हमारे कॉलेज में पढ़ती थी वहां पर नेट की टीम में आकर कहा कि लेक्चर है वह हम कॉलेज में किसी को भी नहीं देते हैं और इसके साथ-साथ हमारे साथ हर जगह पर इंडस्ट्री हुआ है लद्दाख भी और जेबी सेम टाइम 700 मिल रहा है और हमें 28000 2018 में हमारी सैलरी बढ़ाई गई थी 18000 से 28000 लेकिन उसे टाइम हमारा सेशन हुआ करता था पूरा 12 महीने का सैलरी उन्होंने कांट्रेक्चुअल एकेडमी अरेंजमेंट और अब हमें टाइटल दिया जाए नित बेस्ड एकेडमी 2021 में हमारे कॉलेज में पढ़ती थी कहा इलेक्ट्रा है वह हम कॉलेज में किसी को भी नहीं देते हमें आज तक नहीं मिला है लद्दाख में और जेबी सेम टाइम 5700 मिल रहा है और हमें 28000 2018 हम लोग बच्चों को
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